मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा ( SCHOOL EDUCATION IN MP), व्
विभागीय संरचना - एक परिचय
भारतीय राज्यों में से एक भारत का ह्रदय प्रदेश कहलाने वाला राज्य , जिसकी जनसँख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 7 करोड़ 25 लाख थी . वर्तमान में यह लगभग 9 करोड़ की आवादी वाला राज्य है जो ऑस्ट्रेलिया के अलावा कई यूरोपीय देशों की जनसँख्या से भी बड़ा है . क्षेत्रफल की द्रष्टि से यह भारत का राजस्थान के बाद दूसरे नंबर का राज्य है . इस राज्य में वर्तमान में 10 संभाग (Division) व् 52 जिले हैं
शिक्षा - अनेक भारतीय राज्यों के विपरीत मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा की व्यवस्था व् संरचना अलग प्रकार की है . प्रदेश में राजकीय स्कूल शिक्षा (कक्षा 1 से 12 वीं ) व्यवस्था दो विभागों के अधीन है
1. स्कूल शिक्षा विभाग
2. जनजातीय कार्य विभाग .
स्कूल शिक्षा विभाग के यूं तो सभी जिलों में कक्षा 1 से 12 वीं तक के विद्यालय हैं परन्तु इनकी संख्या उन जिलों में कम है जहां की जनसँख्या के एक बड़े हिस्से में अनुसूचित जनजाति व् अनुसूचित जाति की आवादी अधिक है .
प्रदेश के 26 जिलों जिनमें अलीराजपुर,झाबुआ ,बडवानी ,धार ,मंडला ,डिंडोरी,अनूपपुर ,उमरिया ,शहडोल ,बालाघाट,सिवनी ,बैतूल ,श्योपुर , खंडवा ,खरगोन ,सीधी ,छिंदवाड़ा ,रतलाम , होशंगाबाद आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं, में अधिकाशं राजकीय विद्यालय जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित है .
स्कूल शिक्षा विभाग व् जनजातीय कार्य विभाग दोनों में ही राज्य स्तर से पृथक- पृथक कैबिनेट मंत्री विभाग के मुखिया के रूप में होते हैं जिनके अधीन प्रमुख सचिव स्तर के पृथक- पृथक प्रशासकीय अधिकारी होते है . किन्तु स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री व् प्रमुख सचिव जहां एक ओर पूर्णतः स्कूल शिक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होते हैं वहीं जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत स्कूल शिक्षा व्यवस्था संचालन के साथ -साथ अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिलों में इनके कल्याण हेतु अन्य योजनावों के संचालन की भी जिम्मेदारी होती है .
स्कूल शिक्षा व्यवस्था संचालन के लिए दोनो ही विभागों की विभागीय संरचना इस प्रकार है
स्कूल शिक्षा विभाग जनजातीय कार्य विभाग
कैबिनेट मंत्री कैबिनेट मंत्री
राज्य मंत्री राज्य मंत्री
प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव
सचिव
अवर सचिव
उप सचिव
↓
1. माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश (Board of secondary education)
2 . लोक शिक्षण संचालनायल भोपाल (Directrote of Public Instruction)
3 , राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल (Rajya shiksh kendra )
4 .राष्ट्रीय कैडिट कोर भोपाल (National Cadet core )
5 .महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल
6 .राज्य ओपन स्कूल भोपाल (State Open school)
7. मदरसा बोर्ड भोपाल (Madarsa Board)
8. मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम भोपाल (Book dipo)
9 . भारत स्काउट एंड गाइड भोपाल (Scout and Guide)
जनजतीय कार्य विभाग (स्कूल संचालन सहित )
मंत्रालय
शासन स्तर पर विभागीय प्रशासनिक संरचना
विभाग की प्रशासनिक संरचना
विभागाध्यक्ष एवं अधीनस्थ कार्यालय
- आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग
- संचालक, आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान
- संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें
- संचालक, विशेष पिछडी जनजाति समूह
विभाग से संबंधित जानकारी
मुख्यालय (राज्य) स्तर
आयुक्त, जनजातीय कार्य
- जनजातीय एवं अनुसूचित जाति में पदस्थ विभागीय अमले से संबंधित समस्त प्रशासनिक नियंत्रण।
- माँग संख्या - 33, 53, एवं 64 के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन ।
- जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शैक्षणिक/आवासीय/रोजगारमूलक संस्थाओं का संचालन।
- अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक तथा आर्थिक उत्थान हेतु योजनाओं का संचालन।
संचालक, आदिमजाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं:-
- आदिवासी उपयोजना एवं अनुसूचित जाति उपयोजना की वार्षिक एवं पंचवर्षीय योजना तैयार करना ।
- आदिवासी उपयोजना तथा अनुसूचित जाति उपयेाजना अंतर्गत विभिन्न विकास विभागों के लिए शिखर सीमा का निर्धारण एवं योजनाओं का अनुश्रवण तथा मूल्यांकन।
- विशेष केन्द्रीय सहायता अंतर्गत वार्षिक कार्य योजना तैयार करना एवं उनका क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण।
- संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत वार्षिक कार्य योजना तैयार करना एवं उनका क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण।
- जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण।
संचालक, विशेष पिछड़ी जनजाति विकासः-
- विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के विकास के लिए योजना बनाना एवं उनका क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण।
संचालक, आदिमजाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान:-
- अनुसूचित जाति तथा जनजाति से संबंधित सर्वेक्षण, अध्ययन तथा विकास कार्यक्रमों का मूल्यांकन ।
- जनजाति के रीति रिवाजों एवं रहन-सहन के तरीकों का अध्ययन एवं दस्तावेजीकरण ।
- जनजातीय क्षेत्रों में पदस्थ विभिन्न विकास विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण ।
- जनजाति के जाति संबंधी मामलों का अध्ययन ।राज्य जनजातीय संग्रहालय छिन्दवाड़ा का संचालन ।
संभाग स्तर
संभागीय कार्यालय
- भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम (होशंगाबाद) तथा चम्बल (मुरैना)।
- संभागीय उपायुक्तों के दायित्व -
- प्रशासनिक नियंत्रण एवं निरीक्षण तथा विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण का उत्तरदायित्व।
- सहायक आयुक्त/जिला संयोजक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, के कार्यालयों तथा विशिष्ट शैक्षणिक संस्थाओं, स्कूलों, छात्रावासों एवं आश्रमों के निरीक्षण का दायित्व।
क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र/नियोजन इकाई:
- जबलपुर, रीवा एवं इन्दौर संभागीय मुख्यालयों में संचालित
जिला स्तर
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं पदेन अपर आयुक्त
त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था अंतर्गत आदिवासी जनसंख्या बाहुल्य जिलों में जनजातीय विकास कार्यक्रमों के संचालन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को विभाग का पदेन अपर आयुक्त घोषित किया गया हैं तथा प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकार भी प्रत्यायोजित किये गये हैं।
सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग
मध्यप्रदेश के 26 जिलों में सहायक आयुक्त के कार्यालय यथा - जबलपुर, मंडला, डिण्डोरी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, सीधी, शहडोल, अनूपपुर, रतलाम, झाबुआ, धार, खण्डवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, होशंगाबाद, बैतूल, अलीराजपुर, सिंगरौली, श्योपुर, उमरिया, भोपाल, ग्वालियर, इन्दौर तथा सागर में स्थापित है।
जिला संयोजक, अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग
25 जिलों में जिला संयोजक के कार्यालय यथा - नरसिंहपुर, कटनी, रीवा, सतना, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, भिण्ड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, उज्जैन, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर, हरदा एवं आगर हैं।
परियोजना स्तर
परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाएं
मध्यप्रदेश में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र अंतर्गत, योजनाओं के निर्माण, बजट प्रबंधन, पर्यवेक्षण, अनुश्रवण तथा संबंधित विभिन्न विकास विभागों के बीच आवश्यक समन्वय स्थापित करने के लिए 26 वृहद परियोजनाएं, 05 मध्यम परियोजनाएं, 30 माडा पाकेट्स एवं 06 लघु अंचल अस्तित्व में हैं, जिनमें परियोजना प्रशासक/परियोजना अधिकारी पदस्थ हैं।
विकास खण्ड स्तर
मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत):
राज्य के 89 जनजातीय विकास खण्डों की जनपद पंचायतों में विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पद स्वीकृत हैं। ये अधिकारी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के दायित्वों का निर्वहन करते हैं ।
विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी:
89 जनजातीय विकास खण्डों में से 74 विकास खण्डों में जनजातीय कार्य विभाग के विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पदस्थ हैं। विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्रांतर्गत संचालित विभागीय शालाओं के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण का कार्य संपन्न करते हैं ।
विशेष पिछड़ी जनजाति समूह अभिकरण:-
- भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश की 03 विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया एवं सहरिया अधिसूचित की गई हैं।
- विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास हेतु योजनाएं बनाने व क्रियान्वयन हेतु 11 अभिकरण कार्यरत हैं, जिनका कार्य क्षेत्र 15 जिलों में विस्तारित है।यह भी पढ़ें
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