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मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के कार्य दायित्व (Responsibilities of School Education Department in Madhya Pradesh)

                        मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के कार्य दायित्व 

  (Responsibilities of School Education Department in Madhya Pradesh)



शिक्षित बालक , शिक्षित नागरिक किसी भी देश की सर्वोतोमुखी विकास का अनिवार्य हैं . और अपने  नौनिहालों  व् नागरिकों को  शिक्षित करने का यह कार्य  राज्य/देश द्वारा सुनियोजित तरीके से विद्या के मंदिरों में  किया जाता है . 
भारतीय संघ के राज्य मध्यप्रदेश में भी नौनिहालों को शिक्षा देने का कार्य मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है . किंतु सरकार के कार्यों को सुव्यवस्थित पर नियोजित ढंग से क्रियान्वित करने हेतु प्रथक प्रथक विभागों में विभाजित किया गया है इनमें से शालेय  शिक्षा की गतिविधियों के संचालन व नियंत्रण हेतु स्कूल शिक्षा विभाग का गठन किया गया है।
विभाग प्रमुख के रूप में एक मंत्री एवं एक राज्य मंत्री होते हैं मंत्री व राज्य मंत्री के नियंत्रण व मार्गदर्शन में समस्त विभागीय अमला कार्यकर्ता है प्रशासनिक रूप से विभाग का सर्वोच्च अधिकारी प्रमुख सचिव होता है इनकी सहायता के लिए शासन स्कूल शिक्षा स्तर पर उप सचिव अवर सचिव व अनुभव स्तर के अधिकारी होते हैं यह कार्यालय मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में कार्य करता है।

स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश के कार्य - 

  • सबके लिए प्रारंभिक शिक्षा एवं साक्षरता की व्यवस्था 
  • माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा व्यवस्था
  •  निरक्षर ओं को विशेषकर 15 से 35 वर्ष साक्षर बनाना
  •  निशक्त छात्रों की शिक्षा व्यवस्था 
  • संस्कृत शिक्षा का विकास तथा आधुनिकीकरण 
  • मदरसा शिक्षा का विकास तथा आधुनिकीकरण 
  • विद्यालयों में कंप्यूटर आधारित शिक्षा की व्यवस्था
  •  योग प्रशिक्षण की व्यवस्था
  •  शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य परीक्षण
  •  गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना 
  • शैक्षिक मूल्यांकन
  •  शिक्षा में नवाचार एवं अनुसंधान 
  • छात्रों के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों का निर्धारण 
  • परीक्षाओं के संचालन की व्यवस्था 
  • पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण एवं वितरण की व्यवस्था
  •  साले खेलकूद गतिविधियों का संचालन 
  • सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन
  •  अशासकीय शिक्षण संस्थाओं को अनुदान 
  • ग्रंथा लयों का रखरखाव 
  • उत्कृष्ट विद्यालयों/ मॉडल स्कूलों व CM RISE  विद्यालयों की स्थापना व संचालन
  •  पालक शिक्षक संघ के माध्यम से तालियां विकास में जन भागीदारी सुनिश्चित करना 
  • शिक्षकों के समुचित प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण की व्यवस्था 
  • शिक्षकों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कारों की व्यवस्था 
  • विभागीय आयोजन व बजट का निर्माण तथा समीक्षा

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