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मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा: शिक्षकों को करानी होगी supplementry (पूरक ) परीक्षा के विद्यार्थियों को तैयारी . करना होगा विद्यार्थिओं की कठिनाइयों का निराकरण. आयुक्त लोक शिक्षण (DPI) ने जारी किया आदेश . पढ़ें विस्तार से

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा:  शिक्षकों को करानी होगी supplementry (पूरक ) परीक्षा के विद्यार्थियों को तैयारी 

करना होगा विद्यार्थिओं की कठिनाइयों का  निराकरण-आयुक्त लोक शिक्षण (DPI) ने जारी किया आदेश . 

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के संचालनालय आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल द्वारा प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित किए गए परीक्षा परिणाम के आधार पर पूरक परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की विषयगत कठिनाइयों को दूर करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं इसके अंतर्गत जिन विद्यालयों मैं कक्षा 10वीं व 12वीं में अधिक संख्या में विद्यार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है उन विद्यार्थियों की विषय गत कठिनाइयों को शिक्षकों को दूर करना होगा
गौरतलब है हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है इस परीक्षा परिणाम में लगभग 70 फ़ीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं और 30% से अधिक विद्यार्थी या तो  एक विषय    या दो या दो से अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण    हो गए हैं
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कक्षा दसवीं में बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है इस पद्धति के अंतर्गत विद्यार्थी कक्षा दसवीं में हिंदी अंग्रेजी संस्कृत गणित विज्ञान व सामाजिक विज्ञान विषयों की पढ़ाई करता है किंतु यदि कोई परीक्षार्थी इन सभी छह विषयों में उत्तीर्ण होता है तो भी उसके जिन पांच विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त होते हैं उन्हीं विषयों के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है अर्थात 100 अंक के एक प्रश्न पत्र के मान से कुल 600 अंक होते हैं किंतु परीक्षा परिणाम 500 अंकों के आधार पर ही घोषित किया जाता है अब जिस विषय में कोई विद्यार्थी अनुच्छेद होता है तो यह उस विद्यार्थी पर छोड़ दिया जाता है कि वह जिस विषय में 33% से कम अंक प्राप्त कर सका है उस विषय की परीक्षा देना चाहता है या नहीं देना चाहता है इसी प्रकार यदि कोई विद्यार्थी कक्षा दसवीं में किन्ही दो या दो विषयों में 33% से कम अंक प्राप्त करता है तो उसे पूरा किया सप्लीमेंट्री परिणाम घोषित किया जाता है अर्थात ऐसा विद्यार्थी जो दो विषयों में अनुत्तीर्ण हो गया है उसे पुनः परीक्षा देने का अवसर प्राप्त होता है इन दो विषयों की परीक्षा को ही पूरक परीक्षा /सप्लीमेंट्री परीक्षा कहा जाता है
इसी प्रकार कक्षा 12वीं में किसी भी संकाय का विद्यार्थी किन्ही पांच विषयों के साथ अध्ययन करता है और किन पांच विषयों के साथ ही उसका परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है अर्थात उसे इन पांचों विषयों में 33% से अधिक अंक प्राप्त करने होते हैं किंतु यदि कोई विद्यार्थी किन्हीं कारणवश एक विषय में 33% से कम अंक प्राप्त करता है तो उसे पूरा किया सप्लीमेंट्री परिणाम घोषित किया जाता है और विद्यार्थी इस विषय की पुनः तैयारी करके परीक्षा देता है और यदि वह इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता है तो उसका ओवरऑल परीक्षा परिणाम उत्तीर्ण घोषित किया जाता है
घोषित किए गए परीक्षा परिणाम में कक्षा दसवीं में लगभग ढाई लाख से अधिक एवं कक्षा 12वीं में 200000 से अधिक विद्यार्थी असफल रहे हैं ऐसे विद्यार्थियों के लिए पूरक परीक्षा के साथ-साथ  रुक जाना नहीं कार्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है।
कक्षा दसवीं व बारहवीं की पूरक परीक्षा की तैयारी की तो आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा जारी निर्देश में जिला शिक्षा अधिकारियों   एवं प्राचार्यों  से कहा गया है कि वह जिन विद्यालयों में अधिक संख्या में विद्यार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है उन विद्यालयों के संबंधित विषय के शिक्षकों को यदि विद्यार्थी विद्यालय आते हैं तो उनकी कठिनाइयों का निराकरण अनिवार्य रूप से करना होगा इसके साथ ही आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा जारी पत्र में पूरे प्रदेश के विभिन्न संभावना जिलों में कितनी कितनी संख्या में विद्यार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है यह संख्या भी पत्र के साथ प्रेषित की गई है।
वह विषय शिक्षक दिन के विषय में अधिक विद्यार्थियों ने कक्षा 10वीं व 12वीं में पूरा किया सप्लीमेंट्री की पात्रता प्राप्त की है ऐसे शिक्षकों को इन विद्यार्थियों की कठिनाइयों का विद्यालय में उपस्थित रहकर निराकरण करना होगा।

जिला शिक्षा अधिकारियों  /   प्राचार्यों  को जारी आयुक्त के पत्र की प्रति डाउनलोड करने के लिए इस लिंक को क्लिक करें

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