Singal use plastic : सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध I
जाने क्या है आशय ? विद्यालय . शिक्षक व् विद्यार्थिओं की भूमिका I
सिंगल यूज़ प्लास्टिक क्या है ? WHAT IS SINGAL USE PLASTIC?
सामान्यतः घरेलू सामानों , जिनमे पोलीथीन बैग (थैली), पालीथीन शीट, शैम्पू बोटल, डिस्पोजल ग्लास, कई प्रकार की प्लास्टिक स्टिक . प्लास्टिक से बनी अन्य सभी सामग्री जिनकी मोटाई 100 माइक्रोन से कम होती है , सिंगल यूज़ प्लास्टिक कहलाती है . इस प्रकार की प्लास्टिक सामग्री को उपयोग में आने के बाद फेंक दिया जाता है .
सिंगल यूज़ प्लास्टिक से क्या क्या नुकसान हैं ?
प्लास्टिक एक लम्बे समय में डिग्रेड अर्थात नष्ट होने वाला पदार्थ है इसी कारण प्लास्टिक सामग्री से निर्मित वस्तुएं वातावरण में फेंक दी जाती हैं तो वह पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बन जाती हैं लंबे समय से इस प्रकार की प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठती रही है।
Single यूज प्लास्टिक के यहां वहां फेंक देने के समुद्री पर्यावरण aquatic paryavaran एवं स्थलीय पर्यावरण को भी लगातार गंभीर क्षति होती है।
महानगरों में प्लास्टिक से बनी सामग्री का निस्तारण एक गंभीर चुनौती बन जाता है अक्सर जानवरों द्वारा इसे खाए जाने के कारण उनकी बुरी तरह से मृत्यु होती है साथ ही जिस स्थान पर इस प्रकार के वेस्ट को जमीन में दबाया जाता है उस स्थान के आसपास का पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित होता है।
समुद्रों पहाड़ों पर भी मानव द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को उपयोग कर फेंक दिए जाने के कारण उन स्थानों पर भी लगातार पर्यावरण को इससे क्षति पहुंचती है
कौन कौन सी सिंगल यूज प्लास्टिक सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई है
भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के पश्चात मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी 29 जून 2022 के पत्र से सभी नगर पालिक निगम नगर पालिका परिषद नगर परिषद आदि क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आइए जानते हैं एक जुलाई 2022 से किन-किन सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है
- प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड
- बैलून में उपयोग होने वाले प्लास्टिक स्टिक
- प्लास्टिक झंडे

- कैंडी स्टिक

- आइसक्रीम स्टिक
- सजावट में उपयोग होने वाले थर्माकोल

- प्लेट/ कप / गिलास /चम्मच /चाकू/ स्ट्रा आदि

- स्वीट बॉक्स निमंत्रण पत्र/ सिगरेट पैकेट को कवर करने वाली पैकिंग फिल्म

- प्लास्टिक स्टीकर्स

- 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक व पीवीसी के बैनर
उपरोक्तानुसार सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर 01 जुलाई 2022 से प्रतिबन्ध लगाए जाने के कोई भी इसे न तो बना सकता है , न ही भण्डार कर सकता है , और न ही इसे थोक में या फुटकर बेंच ही सकता है .
यहाँ तक कि उपयोग कर सार्वजानिक स्थान पर इसे फेंकने पर 500 रूपये तक का जुर्माना सम्बंधित व्यक्ति पर लगाया जा सकता है .
विद्यालय . शिक्षक व् विद्यार्थिओं की भूमिका I
विद्यालयों में प्रारंभ से ही शिक्षकों द्वारा अपने विद्यार्थियों को पर्यावरण प्रदूषण व उसके फैलाने वाले कारकों का अध्ययन कराया जाता रहा है और इन पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाले कार्यों में प्लास्टिक भी एक महत्वपूर्ण कारक रहा है जिसकी जानकारी प्रारंभ से ही शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को दी जाती रही है अब जबकि सरकार द्वारा औपचारिक रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित कर दी गई है ऐसे में विद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है कि वह प्रतिदिन अपनी प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों को सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से नुकसान वह इस पर प्रतिबंध की जानकारी विद्यार्थियों तक दें ताकि यह बात उनके अभिभावकों व आमजन तक पहुंच सके।
सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में शिक्षकों से ज्यादा बेहतर विद्यार्थियों व समाज को कोई भी नहीं बता सकता है ऐसे में शिक्षकों का यह नैतिक दायित्व है कि वह पर्यावरण के लिए खतरनाक होते जा रहे इस सिंगल यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव से विद्यार्थियों उनके अभिभावकों व आमजन को प्रतिदिन अवगत कराएं।
जागरूक विद्यार्थी भी सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में जानने के बाद इसका उपयोग न करें यदि बाजार जाना हो तो वह घर से कपड़े या कागज के बने थैली लेकर ही सामग्री लेने जाएं क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध हो चुका है ऐसे में यह संभव है कि संबंधित नगर पालिक निगम नगर पालिका या नगर परिषद यदि सार्वजनिक रूप में इस प्रकार के प्लास्टिक का उपयोग होते देखेगी तो जुर्माना भी लगाया जा सकता है ऐसे में यदि विद्यार्थी जागरूक रहेंगे तो वह स्वयं ही इस प्लास्टिक से दूर रहेंगे एवं अपने पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकेंगे .
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